Sarkaar ki Niyat aur Shiksha ki Niyati
₹295.00
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ISBN | 9789350025833 |
Description
यह किताब शिकà¥à¤·à¤¾ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में उनà¥à¤¨à¥€à¤¸ सौ असà¥à¤¸à¥€ के दशक के बाद के सरकारी कारनामों का संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ दसà¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‡à¥› है जिनके तहत शिकà¥à¤·à¤¾ को आलोचनातà¥à¤®à¤• नजरिया विकसित कर सà¤à¥à¤¯, सà¥à¤‚ससà¥à¤•à¥ƒà¤¤ और देश समाज के लिठकलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ नागरिक तैयार करने के माधà¥à¤¯à¤® के बजाय माल बना दिया गया और उससे à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• नफे नà¥à¤•à¥à¤¸à¤¾à¤¨ की बात सोची जाने लगी!
तैयब हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨ बिहार के जयपà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ विशà¥à¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, छपरा से अवकाश पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हिंदी पà¥à¤°à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• हैं!
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