Shiksha aur Naitik Moolyon Ki Khoj (Hindi)
₹495.00
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ISBN | 9789350023808 |
Description
à¤à¤¸à¥‡ समय में जब शिकà¥à¤·à¤¾ का वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• बाज़ारीकरण हो रहा है, यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• à¤à¤• नयी उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¤œà¤—ाती है |इस समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में यह कई अहम सवाल उठाती है, चिनà¥à¤¤à¤¨à¤®à¥‚लक शिकà¥à¤·à¤¾ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ की वकालत करती है और शिकà¥à¤·à¤¾ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के साथ गहरे नैतिक/दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤• मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ को जोड़ती है | सà¥à¤•à¥‚ली शिकà¥à¤·à¤¾ से लेकर उचà¥à¤šà¤¤à¤° शिकà¥à¤·à¤¾ तक यह जà¥à¤žà¤¾à¤¨, पाठà¥à¤¯à¤ªà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ और पदà¥à¤§à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, शैकà¥à¤·à¤£à¤¿à¤• हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ªà¥‹à¤‚ और सृजनातà¥à¤®à¤• संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं के वरà¥à¤—ीकरण और पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° पर रौशनी डालती है | दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤• चिंतन, संवाद और समाजशासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ मीमांसा के साथ इसमें शिकà¥à¤·à¤¾ की à¤à¤¸à¥€ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ की गयी है जो आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• रूप से उदातà¥à¤¤/परिसà¥à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿à¤¤à¤•à¤¿à¤¯à¥‡ रूप से संवेदनशील/समतामूलक समाज का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करने में सकà¥à¤·à¤® हो | यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• समाजशासà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚, पाठकों और अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ कारà¥à¤¯ से जà¥à¥œà¥‡ तमाम लोगों के लिठअतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• उपयोगी है |
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