Aatam Khabar: Sanskriti, Samaj Aur Hum
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ISBN | 9789350027271 |
Description
पाठकों के सनà¥à¤®à¥à¤– कà¥à¤› आलेख है जो हमारी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और समाज पर इतिहास और वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ दोनों के परिपेकà¥à¤·à¥à¤¯ में लिखे गठहैं! संसà¥à¤•à¤¾à¤° की बात की गयी है और जà¥à¤žà¤¾à¤¨-विजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤‚ के परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं की, जो हमारे यहाठविराट और सà¥à¤¦à¥ƒà¥ हैं हीं! उपनिवेशवाद ने कà¥à¤› तोड़-मरोड़ की पर कई नई अवधारणाà¤à¤‚ à¤à¥€ आई! हमारे नजदीकी पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ ने सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¸à¥€ और सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œ के सहारे नवनिरà¥à¤®à¤¾à¤£ का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ किया! अनेकों मà¥à¤¶à¤¿à¤•à¤²à¥‡à¤‚ आई, बहà¥à¤¤ विचार-मंथन हà¥à¤†, खंडन-विखंडन à¤à¥€ हà¥à¤† और हमने वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ तक का सफर तय किया! हमारी कई परेशानियों का मूल हमारी सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विरासत में तो है ही पर इनका समाधान à¤à¥€ इसी विरासत और नजदीकी इसिहास में है! इसका संतà¥à¤²à¤¨ कितना बना और कितना समयोचित बना, यह तो सà¥à¤§à¤¿ पाठक ही बता सकेंगे! अलबतà¥à¤¤à¤¾ ये बोà¤à¤¿à¤² न हों, इसके लिठबोलचाल की à¤à¤¾à¤·à¤¾ और थोड़े-परिहास का सहारा लिया गया है! आशा है, आप इसे पसंद करेंगे!
दीपक कà¥à¤®à¤¾à¤° इतिहास के विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ रहे, और चार दशकों से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨-अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ किया! कà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ और सीà¤à¤¸à¤†à¤ˆà¤†à¤°-निसà¥à¤Ÿà¤¾à¤¡à¥à¤¸ में काम करने के बाद जवाहरलाल नेहरू विशà¥à¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से 2017 में सेवा-निवृतà¥à¤¤ हà¥à¤! इनकी चरà¥à¤šà¤¿à¤¤ किताबों में विजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤‚ और à¤à¤¾à¤°à¤¤ में अंगà¥à¤°à¥›à¥€ राज (गà¥à¤°à¤‚थशिलà¥à¤ªà¥€, 1998) और तà¥à¤°à¤¿à¤¶à¤‚कॠराषà¥à¤Ÿà¥à¤°: सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿, सà¥à¤µ और समकालीन à¤à¤¾à¤°à¤¤ (राजकमल, 2018) शामिल हैं!
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