Azaadi se Pehle Jan Andolan Evam Madhyamvargiye Netratv

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ISBN 9789350027530
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295.00

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ISBN 9789350027530

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इन व्याख्यानों में ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनवादी आंदोलनों और इंडियन नेशनल कांग्रेस के अधीन राष्ट्रीय आंदोलन के बीच अन्तर्सम्बन्धों तथा इनमें मौजूदा साहित्य के सर्वेक्षण के माध्यम से उन्नीसवीं सदी और बीसवीं सदी के आरम्भ में दमन के खिलाफ किसानों और जनजातियों के प्रतिरोध का गहन विश्लेषण किया गया है ! व्यापक जान आंदोलनों के आयोजन में नेतृत्व की दुविधा और उभरते भारतीय बुर्जुआ वर्ग के संबंधों को भी 1947 की अंतिम परिणाम और 1947 के बाद के भारतीय राज्य के साथ जोड़कर देखा गया है ! इन व्याख्यानों में बीसवीं सदी के आंदोलनों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है जो भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के दायरे के बहार हैं !

सुमित सर्कार अकादमिक जगत में एक लम्बे और उत्कृष्ट जीवन के बाद दिल्ली विश्विद्यालय से इतिहास के प्रोफेसर के रूप में सेवानिवृत हुए !उनकी प्रकाशित पुस्तकों में द स्वदेशी मूवमेंट इन बंगाल, 1903-1908 (1973), मॉडर्न इंडिया 1885-1947 (1983),राइटिंग सोशल हिस्ट्री (1998), बियॉन्ड नेशनल फेमस: पोस्ट मॉडर्निज़्म, हिन्दू फ़ण्डामेंटलिस्म हिस्ट्री (2002), और टुवर्ड्स फ्रीडम: डाक्यूमेंट्स ऑन द मूवमेंट फॉर इंडिपेंडेंस इन इंडिया, 1947 (2007), शामिल हैं ! उन्होंने अनेक लेखकों के माध्यम से सबाल्टर्न अध्ययन के चैत्र में समालोचनाएँ भी की हैं !

तरुण कुमार (अनुवादक) : शिक्षा अंग्रेजी विषय में स्नातकोत्तर तक ! वर्तमान में भारत साकार में वरिष्ठ अनुवादक के पद पर कार्यरत ! अनुदित पुस्तकें : दोषी कौन; विश्व अर्थव्यवस्था में रोज़गार और असमानता; इतिहास के पक्ष में: संक्रान्तिकालीन यूरोप; भारतीय मुग़ल; आज की भारतीय राजनीती; हिन्दू अस्मिता- एक पुनर्चिन्तन; इक्कीसवी सदी के लिए समाजवाद; आधुनिकता, भूमंडलीकरण और अस्मिता; गुलामी के चक्रव्यूह में भारतीय अर्थव्यवस्था; राजनितिक अर्थशास्त्र का सरल परिचय; भारतीय इतिहास की मार्क्सवादी परिकल्पना; आदि !

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