Pratham International ki Kahani
₹250.00
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ISBN | 9789350025635 |
Description
पिछले पचीस सालों में à¤à¤• के बाद à¤à¤• बड़े राजनीतिक-आरà¥à¤¥à¤¿à¤• बदलाव तीवà¥à¤° गति से हà¥à¤ हैं ।पारिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤•à¥€ के सवाल की मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤¾, नवउदारवादी वैशà¥à¤µà¥€à¤•à¤°à¤£ से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ सामाजिक बदलाव, और हाल केदà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के अब तक के सबसे विनाशकारी आरà¥à¤¥à¤¿à¤• संकट ने पूंजीवाद के विकलà¥à¤ªà¥‹à¤‚ के बारे में सोचने परमजबूर कर दिया है ।अपने अलà¥à¤ªà¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ जीवन में पà¥à¤°à¤¥à¤® इंटरनेशनल वरà¥à¤— संघरà¥à¤· का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• बन गया था और इसने समूचीधरती के करोड़ो कामगारों की सोच को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ किया था । इसके जनà¥à¤® की डेॠसौवीं जयंती ने इसकेपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ को उलटकर फिर से देखने, इसके नायकों के अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ से सीखने और हमारे समकालीन सवालोंके समाधान खोजने का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ मौका उपलबà¥à¤§ कराया ।मशहूर विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ मारà¥à¤šà¥‡à¤²à¥‹ मà¥à¤¸à¥à¤¤à¥‹ ने इसके दसà¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‡à¤œà¥‹à¤‚ को उनके à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• संदरà¥à¤ में देखा और पूंजीवाद कीआलोचना तथा मजदूर आंदोलन की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ में रà¥à¤šà¤¿ रखने वालों के लिठयह मूलà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¨ रचना की है
मारà¥à¤šà¥‡à¤²à¥‹ मà¥à¤¸à¥à¤¤à¥‹ (1976) टोरंटो सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ यारà¥à¤• विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में समाजशासà¥à¤¤à¥à¤° के à¤à¤¸à¥‹à¤¶à¤¿à¤à¤Ÿ पà¥à¤°à¥‹à¥žà¥‡à¤¸à¤° हैं । दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ कीबीस से अधिक à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में उनके ढेर सारे लेख और किताबें छपी हैं । उनकी संपादित किताबें हैं- गà¥à¤°à¥à¤‚डà¥à¤°à¤¿à¤¸ के 150साल पूरा होने पर (रटलेज, 2008); मारà¥à¤•à¥à¤¸ फ़ार टà¥à¤¡à¥‡ (रटलेज, 2012); वरà¥à¤•à¤°à¥à¤¸ यूनाइट! इंटरनेशनल 150 ईयरà¥à¤¸à¤²à¥‡à¤Ÿà¤° (बà¥à¤²à¥‚मà¥à¤¸à¤¬à¤°à¥€, 2014); द मारà¥à¤•à¥à¤¸ रिवाइवल (कैमà¥à¤¬à¥à¤°à¤¿à¤œ यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤¸, पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¥à¤¯ 2019) । उनकी हालिया किताबेंहैं- à¤à¤¨à¤¾à¤¦à¤° मारà¥à¤•à¥à¤¸: अरà¥à¤²à¥€ मैनà¥à¤¯à¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤Ÿà¥à¤¸ टॠद इंटरनेशनल (बà¥à¤²à¥‚मà¥à¤¸à¤¬à¤°à¥€, 2018); द लासà¥à¤Ÿ मारà¥à¤•à¥à¤¸: à¤à¤¨ इंटेलेकà¥à¤šà¥à¤…लबायोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€ (पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¥à¤¯) । उनका जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° लेखन www.marcellomusto.org पर उपलबà¥à¤§ है ।
गोपालजी पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ हिंदी के वरिषà¥à¤ आलोचक हैं! छायावाद और नवरतà¥à¤¨ पर उनकी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हैं! विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पातà¥à¤° पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं में साहितà¥à¤¯-समाज से जà¥à¥œà¥‡ गंà¤à¥€à¤° लेखन के लिठजाने जाते हैं! फिलहाल दिलà¥à¤²à¥€ के आंबेडकर विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨!
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