Jal: Kal, Aaj Aur Kal (Hindi)

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ISBN 9789350024478
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जल जीवन की मूल आवश्यकता है और सृष्टि का केंद्रीय तत्व भी! सभी चिंतन-परम्पराओं में इसका प्रमुख स्थान रहा है! सभी धर्मों ने इसे पवित्र और शुद्धिकरण का प्रमुख साधन मन है! न केवल जन्म बल्कि मृत्यु के समय भी इसका प्रयोग आवश्यक रहा है! जीवन और प्रकृति का यह अति आवश्यक तत्व अब संकट के दौर से गुजर रहा है और भविष्य में यदि इस दिशा में सकारात्मक उपाय नहीं किये गए तो इस संकट के बढ़ने की और अधिक आशंका है!

जल का कोई विकल्प नहीं है! शुद्ध और पेय जल की मात्रा एक तो स्वयं ही काम है, दूसरे, मानवीय क्रियाओं के कारन यह और अधिक दूषित होता जा रहा है! इस चिंता को ध्यान में रखते हुए लेखकदव्य ने इस पुस्तक के माध्यम से जान-मानस को, विशेषकर युवाओं को, जिनका जीवन और दावं इस भूमि पर अधिक है, जल के संकट के विषय में संवदेनशील बनाने का प्रयास किया है!

इस पुस्तक में जल का जीवन में महत्त्व, उसका धार्मिक, सांस्कृतिक एवं लौकिक पक्ष, जल का संरक्षण एवं प्रबंधन, भारतीय एवं अंतराष्ट्रीय परिदृश्य, जल का नीतिगत पक्ष आदि विषयों को समाहित करने का प्रयास किया गया है! पुस्तक लिखने के मूल में यह आशय है कि जल सभी के प्रयोग का तत्व है अतः इसके उचित प्रयोग कि जानकारी सबको होनी चाहिए ताकि जल के संकट का समाधान किया जा सके और भविष्य के लिए जल को संचित किया जा सके!

राम अवतार शर्मा राजनीती विज्ञान और भारतीय इतिहास के ज्ञाता है! आपकी इन विषयों के विभिन्न पहलुओं एवं समसामजिक विषयों पर अनेक रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी है! आप दिल्ली विश्विद्यालय के महाराजा अग्रसेन कॉलेज के संस्थापक प्राचार्य रहे है! आजकल आप गहन शोध कार्य में व्यस्त हैं!

सुषमा यादव इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्विद्यालय कि प्रो-वाईस चांसलर रह चुकी है तथा वर्तमान में भारतीय लोक प्रशासन संसथान में प्रोफेसर हैं!

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