Aaj Ki Bhartiya Rajniti: Vikas Ke Samajvaadonmukh Marg Ke Paksh Me Tark

Author

ISBN 9789350020678
Categories: , , ,

325.00

Additional information

Author

Format

Language

Pages

Publisher

Year Published

ISBN 9789350020678

Description

टी नेगी रेड्डी मेमोरियल व्याख्यान का यह प्रकाशित संस्करण अनिवार्यतः एक सैद्धांतिक कार्य है! यह पुस्तक भारत में वर्तमान आर्थिक और राजनितिक परिद्रशय का मार्क्सवादी दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है! इसमें स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद की नेहरू की राष्ट्रिय परियोजना, इसके परिणाम और विघटन, सत्तारूढ़ वर्गों द्वारा ‘भूमंडलीकरण’ के मार्ग को अपनाए जाने – जो कि स्पष्ट है कि विकास का पूंजीवादी बर्ग है, का विवेचन किया गया है! साथ ही, नए कार्यनीतिगत विकल्प के रूप में विकास के पूंजीवादी मार्ग के विरुद्ध समाजवादोन्मुख मार्ग के पक्ष में भी तर्क दिया गया है! यहां समकालीन भारत के उन सर्वाधिक महत्वपूर्ण राजनितिक प्रश्नों को भी उठाया गया है जो अब तक नहीं उठाये गए! इसके आलावा ‘भूमंडलीकरण’ और विकास, वैश्विक पूंजीवाद के वर्तमान संकट, समाजवाद और पूरी दुनिया को बदली हुई हक़ीक़त के सन्दर्भ में मार्क्स का परिपेक्ष्य, सोवियत अनुभव और उप्लभ्धि, समाजवाद कि सत्तावाद से अलग करने कि आवश्यकता का बहुत ही अनुबोधक विश्लेषण किया गया है! टी नेगी रेड्डी ने यह तर्क देते हुए कि एक वांछनीय वास्तु के रूप में विकास, पूंजीवादी विकास का पर्याय ताहि है, देस के विकास के लिए समाजवादोन्मुख मार्ग अपनाए जाने कि वकालत कि है! अंत में उन्होंने भारत में क्रन्तिकारी वामपंथ कि चर्चा कि है जिससे जुड़े हुए थे!

रणधीर सिंह दिल्ली विश्विद्यालय में पोलिटिकल थ्योरी के पूर्व प्रोफेसर हैं! उनकी प्रकाशित पुस्तकें हैं: मार्क्सिस्म, सोशलिज्म, इंडियन पॉलिटिक्स: अ व्यू फ्रॉम द लेफ्ट; क्राइसिस ऑफ़ सोशलिज्म- नोट्स इन डिफेन्स ऑफ अ कमिटमेंट; ऑन नॅशनलिस्म एंड कम्युनलिस्म इन इंडिया; स्ट्रगल फॉर सोशलिज्म; इंडियन पॉलिटिक्स टुडे आदि !

तरुण कुमार (अनुवादक), अंग्रेजी विषय में स्नातकोत्तर! भारत सर्कार में वरिष्ठ अनुवादक के पद पर कार्यरत! अन्य अनुदित पुस्तकें – दोषी कौन: विश्व अर्थव्यवस्था मई रोज़गार और असमानता; इतिहास के पक्ष में; भारतीय मुग़ल; आज की भारतीय राजनीती; संस्क्रतिकालीन यूरोप; हिन्दू अस्मिता: एक पुनर्चिन्तन; आधुनिकता, भूमंडलीकरण और अस्मिता, आदि!

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Aaj Ki Bhartiya Rajniti: Vikas Ke Samajvaadonmukh Marg Ke Paksh Me Tark”