Aadhunikta, Bhoomandalikaran aur Asmita (Hindi)

Author

ISBN 9789350022191
Categories: ,

295.00

Additional information

Author

Format

Language

Pages

Publisher

Year Published

ISBN 9789350022191

Description

आधुनिकता, भूमंडलीकरण और अस्मिता के बारे में पहले ही काफी कुछ लिखा जा चूका है! लेकिन यह पुस्तक कई मायने में अलग है! इसकी चिन्ताशीलता, इसके द्वारा, उठाये गए सामाजिक-नैतिक प्रश्न और जिस ढंग से यह हमें हमारे अपने संदेह और जीवल के अनुभवों का सामना करने में सक्षम बनती है, इसकी खासियत है! इसमें समकालीन समाजशास्त्रीय साहित्ये और सृजनात्मक कल्पनाशीलता के विभिन्न स्त्रोतों का उपयोग किया गया है! यह हमारे अपने सामाजिक यथार्थ की विशिष्टता-भारतीय आधुनिकता की दिशा और अस्मिता की राजनीति-के द्व्न्द के प्रति काफी संवेदनशील है! अपनी तर्कपरक शैली से यह मानवीय आधुनिकता की वकालत करती है और आसमान भूमंडलीकरण के विरुद्ध प्रतिरोध की व्यापक कला की संभावना का विश्लेषण करती है तथा अपेक्षाकृत अधिक खुले और संवादपरक समाज के निर्माण के लिए प्रयास करती है जो विभाजित अस्मिताओं से बाहर निकल्कने के लिए प्रेरित करता है! यह पुस्तक समाजशास्त्रियों, समाजसेवियों और उन सभी के लिए उपयोगी है जो आलोचनात्मक और चिंतनशीलता की महत्त्व देते हैं!

अभिजीत पाठक सेंटर फॉर डी स्टडी और सोशल सिस्टम, स्कूल ऑफ सोशल साइंस, जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय, नई दिल्ली में प्रोफेसर है! उनके अनुसन्धान के विषय आधुनिकता, संस्कृति, धर्म और शिक्षा का समाजशास्त्र है! उनकी प्रकाशित पुस्तकों में डिस्कन्टेन्ट्स ऑफ आ कल्चर; इंडियन मॉडर्निटी: कॉन्ट्रडिक्शन्स, परडोक्सेस, एंड पॉसिबिलिटीज; सोशल इम्प्लिकेशन्स ऑफ़ स्कूलिंग: नॉलेज, पेडगाय एंड क्योंसकीयस्नेस्स; ग्लोबलाइजेशन, मॉडर्निटी एंड आइडेंटिटी; रेकॉलिंग डी फॉरगॉटन: एजुकेशन एंड मोरल क्वेस्ट और रदम ऑफ़ लाइफ एंड डेथ शामिल है!

तरुण कुमार (अनुवादक): शिक्षा अंग्रेजी विषय में स्नातकोत्तर तक! वर्तमान में भारत सर्कार में वरिष्ठ अनुवादक के पद पर कार्यरत! अनुदित पुस्तकें, दोषी कौन: विश्व अर्थव्यवस्था मई रोज़गार और असमानता, इतिहास के पक्ष में, संक्रान्तिकालीन यूरोप, भारतीय मुग़ल, आज की भारतीय राजनीती, हिन्दू अस्मिता: एक पुनर्चिन्तन, इक्कीसवीं सदी के लिए समाजवाद आदि!

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Aadhunikta, Bhoomandalikaran aur Asmita (Hindi)”