EK AUR TOBA TEK SINGH: Dus Pratinidhi Kahaniyan
₹350.00
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ISBN | 9789383723980 |
Description
दिसंबर 2018के अंतिम सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ में लाहौर जाने का मौका मिला!यूठतो खीचावपूरà¥à¤£ संबंधों के कारन वीजा मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² से ही मिलता है! परनà¥à¤¤à¥ अपने à¤à¤¾à¤ˆ जैसे दोसà¥à¤¤ डॉ. तनवीर गोंदल को कैंसर होने के कारन मन मिलने को बैचैन था! कà¥à¤› दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की मेहरबानी से à¤à¤• विशेष वीजा मिल गया और में वाघा बॉरà¥à¤¡à¤° पार कर के लाहौर पहà¥à¤‚च गया और अपने à¤à¤¾à¤ˆ अपने दोसà¥à¤¤ के साथ अंतिम समय में कà¥à¤› दिन गà¥à¤œà¤¾à¤° सका!जो à¤à¤• वरà¥à¤· बाद ये दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ छोड़ कर चले गये! इसी पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸ के दौरान पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ कहानीकार, नाटक लेखक और शायर असग़र नदीम सैयà¥à¤¯à¤¦ और उनकी पतà¥à¤¨à¥€ शीबा ने मà¥à¤à¥‡ रातà¥à¤°à¤¿à¤à¥‹à¤œ पर आमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया! शीबा, जिससे मैं à¤à¤¾à¤ˆ-बहन का रिशà¥à¤¤à¤¾ रखता हूठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसका समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ हमारे पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ के शहर मियांवाली से है! इस मौके पर तोहफों के आलावा सैयà¥à¤¯à¤¦ साहब ने अपनी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• कहानी मà¥à¤à¥‡ मिली की दो पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¤• मेरे लिये और दूसरी डॉ. तनवीर गोंदल के लिये à¤à¥‡à¤‚ट की! कोरोना काल के दौरान समय का सदà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— करते हà¥à¤ मैंने इसे उरà¥à¤¦à¥‚ से हिंदी में अनà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ कर दिया और अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ ले कर इसे पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ करवाने का सहस कर रहा हूà¤! – विनोद मालिक
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