Gramin Haryana Mei Ghunghat Pratha: Badalte Swarup – 1880 se Maujuda Daur Tak
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ISBN | 9789350027752 |
Description
गहन शोध पर आधारित इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में पिछले करीब सवा सौ साल के आर-पार वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ हरियाणा की महिलाओं में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ घूà¤à¤˜à¤Ÿ पà¥à¤°à¤¥à¤¾ का जायज़ा लिया गया है। पितृसतà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• सामाजिक ढांचे के दायरे में महिला-पà¥à¤°à¥à¤· समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥‹à¤‚ के लगातार बदलते समीकरणों का à¤à¥€ विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ किया गया है जो पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ की à¤à¥Œà¤—ोलिक तथा निरनà¥à¤¤à¤° बदलती सामाजिक-सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤•, à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤•, आरà¥à¤¥à¤¿à¤•, राजनैतिक परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अपने संजà¥à¤žà¤¾à¤¨ में लेता है। इस सब के केनà¥à¤¦à¥à¤° में, घूà¤à¤˜à¤Ÿ पà¥à¤°à¤¥à¤¾ के बनà¥à¤§à¤¨à¥‹à¤‚ के बीच रहते हà¥à¤ उन से जूà¤à¤¤à¥€ और अपने सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤° असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ के लिठरासà¥à¤¤à¥‡ तलाशती महिला है। घूà¤à¤˜à¤Ÿ की मजबूरियों के बीच जी रही महिला की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का चितà¥à¤°à¤£ मौखिक इतिहास, लोक-साहितà¥à¤¯, लोक-रीतियों à¤à¤µà¤‚ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं के आलोक में साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚, लोकोकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, लोक-गीतों, लोक-कथाओं, पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ कहावतों आदि का à¤à¤°à¤ªà¥‚र पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करते हà¥à¤ किया गया है।
पà¥à¤°à¥‡à¤® चौधरी दिलà¥à¤²à¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से समà¥à¤¬à¤¦à¥à¤§ à¤à¥‚तपूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¥‹à¥žà¥‡à¤¸à¤° तथा नेहरू सà¥à¤®à¤¾à¤°à¤• संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¤¾à¤²à¤¯ (à¤à¤¨.à¤à¤®.à¤à¤®.à¤à¤².), तीन मूरà¥à¤¤à¤¿, नई दिलà¥à¤²à¥€ की à¤à¥‚तपूरà¥à¤µ फ़ेलो हैं। उपनिवेशीय तथा समकालीन à¤à¤¾à¤°à¤¤ में जेणà¥à¤¡à¤°, राजनीतिक अरà¥à¤¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤°, समाज तथा पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से समà¥à¤¬à¤¦à¥à¤§ विषयों पर उनकी गहन शोध आधारित छ: पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚ अंगà¥à¤°à¥‡à¥›à¥€ में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हो चà¥à¤•à¥€ हैं। दो पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ का समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ à¤à¥€ किया है। उन के लेख अंगà¥à¤°à¥‡à¥›à¥€ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ तथा अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शोध-पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं में छपते रहे हैं।.
अंगà¥à¤°à¥‡à¥›à¥€ के à¤à¥‚तपूरà¥à¤µ असोशियेट पà¥à¤°à¥‹à¥žà¥‡à¤¸à¤°, रमणीक मोहन सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤° अनà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤• हैं। वैकलà¥à¤ªà¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ से जà¥à¥œà¥€ संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं दिगनà¥à¤¤à¤°, जयपà¥à¤° à¤à¤µà¤‚ विदà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤µà¤¨ सोसायटी, उदयपà¥à¤° तथा अज़ीम पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤œà¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, बैंगलà¥à¤°à¥‚ के लिठहिनà¥à¤¦à¥€-अंगà¥à¤°à¥‡à¥›à¥€ तथा अंगà¥à¤°à¥‡à¥›à¥€-हिनà¥à¤¦à¥€ अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ करते रहे हैं। राजà¥à¤¯ संसाधन केनà¥à¤¦à¥à¤°, हरियाणा (‘सरà¥à¤š’) की पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ के मà¥à¤–à¥à¤¯ समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• तथा अज़ीम पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤œà¥€ फ़ाउणà¥à¤¡à¥‡à¤¶à¤¨, बैंगलà¥à¤°à¥‚ के टीचरà¥à¤¸ पोरà¥à¤Ÿà¤² में हिनà¥à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤— के समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• रहे। वाणी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨, नई दिलà¥à¤²à¥€ तथा विदà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤µà¤¨ सोसायटी, उदयपà¥à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संयà¥à¤•à¥à¤¤ तौर पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ दो जिलà¥à¤¦ की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• ‘à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ à¤à¤¾à¤·à¤¾ शिकà¥à¤·à¤£’ के समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ दल में थे। यदा-कदा सामाजिक सरोकार से समà¥à¤¬à¤¦à¥à¤§ लेखन à¤à¥€ करते हैं।
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