Vartman Sadi Mei Marxvad
₹395.00
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ISBN | 9789350024928 |
Description
बीसवीं सदी के अंत में रूस के पतन ने ख़à¥à¤¶à¥€ मनाने का अवसर à¤à¥€ नहीं दिया की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के तमाम हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में नव उदारवादी पूंजीवाद का विकलà¥à¤ª खोजने की कोशिशें शà¥à¤°à¥‚ हो गई! आरà¥à¤¥à¤¿à¤• और सामाजिक में सामाजिक के पकà¥à¤· में खड़ा होने की घोषणा के बतौर विशà¥à¤µ सामाजिक मंच का गठन हà¥à¤†! नठदौर के आंदोलनों ने नठसंपरà¥à¤•à¥‹à¤‚ और संगठनों को जनà¥à¤® दिया! इसी के साथ विचार की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में मारà¥à¤•à¥à¤¸à¤µà¤¾à¤¦ की धमक à¤à¥€ सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ पड़ी! इनमें से कà¥à¤› को परिचित करने की कोशिश के तहत यह किताब लिखी गई!
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