
Gandhi Darshan: Mera Jeevan Hi Mera Vichaar Hai
₹895.00
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Year Published | |
ISBN | 9789350025666 |
Description
मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन के हर काल में à¤à¤• महतवपूरà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ सामने आया, जिसे बाद में इतिहास ने यà¥à¤— पà¥à¤°à¥à¤· माना! à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ गतिशील, उददेशयातà¥à¤®à¤•, à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾, मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤• और अपने समय की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के नियमों व आदतों के विरोधी होते हैं! मोहन दस करमचंद गाà¤à¤§à¥€ à¤à¤¸à¥‡ ही वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ थे! अपने विचारों – सतà¥à¤¯ और अहिंसा की तराज़ू पर सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को तौलकर दूसरों को उसका पालन करने के लिठआगà¥à¤°à¤¹ करते थे! उनके विचार – सतà¥à¤¯, अहिंसा, सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œ, सरà¥à¤µà¥‹à¤¦à¤¯ और नà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ (टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿà¥€à¤¶à¤¿à¤ª) न केवल à¤à¤¾à¤°à¤¤ वरन अनà¥à¤¯ विकसित देशों में à¤à¥€ जहाठऔधोगिक समाज आरà¥à¤¥à¤¿à¤• वितरण के नà¥à¤¯à¤¾à¤¸ और सकरातà¥à¤®à¤¨ सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ के संकट से जूठरहे हैं, वहाठà¤à¥€ उतने ही उपयà¥à¤•à¥à¤¤ हैं! à¤à¤—वन में अटूट विशà¥à¤µà¤¾à¤¸, सादगी, मानव-पà¥à¤°à¥‡à¤®, अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° का विरोध, अहिंसा और सतà¥à¤¯ का मारà¥à¤—, शाकाहार, सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को कषà¥à¤Ÿ देना, किसी से घृणा नहीं करना, पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में पूरà¥à¤£ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸, धन-पद का लालच नहीं रखना, अपने नियमों और आचरण का पालन करना चाहे उसमें अकेले ही कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न रह जाà¤à¤, ये à¤à¤¸à¥‡ सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त थे जिनका उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी लेखनी, पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ व à¤à¤¾à¤·à¤£à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से पà¥à¤°à¥‡ जीवन-परà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ जनसमà¥à¤ªà¤°à¥à¤• कर उनका आचार-वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° किया! à¤à¤¾à¤°à¤¤ की आज़ादी में उनका महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ योगदान रहा और वे à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सामाजिक ढांचे को à¤à¥€ सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¨à¤¾ चाहते थे! उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपना अनोखा व महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ अपने ही बल पर बनाया!
उनको लोग बापू, संत, महातà¥à¤®à¤¾ व राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¥€ कहते हैं, उनका आदर à¤à¥€ करते हैं लेकिन उनके विचारों और दरà¥à¤¶à¤¨ का पालन नहीं करते! यह बात उचित है कि इसके लिठवैसी ही मानसिकता बनानी होगी, लेकिन यह सतà¥à¤¯ है कि गाà¤à¤§à¥€ के विचार आज और आने वाले समय के लिठà¤à¥€ उपयà¥à¤•à¥à¤¤ हैं! इसका मूल कारन है कि ये विचार सदियों से à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¥€ और सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ का आधार रहे हैं! यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ रूप में इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ विचारों को साधारण तरीके से रखने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ है! मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‡ की मृतà¥à¤¯à¥ होती है लेकिन विचारों की नहीं!
राम अवतार शरà¥à¤®à¤¾à¤°à¤¾à¤œà¤¨à¥€à¤¤à¥€ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ इतिहास के जà¥à¤žà¤¾à¤¤à¤¾ है! आपकी इन विषयों के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पहलà¥à¤“ं à¤à¤µà¤‚ समसामजिक विषयों पर अनेक रचनाà¤à¤ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हो चà¥à¤•à¥€ है! आप दिलà¥à¤²à¥€ विशà¥à¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के महाराजा अगà¥à¤°à¤¸à¥‡à¤¨ कॉलेज के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ रहे है! आजकल आप गहन शोध कारà¥à¤¯ में वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ हैं! आपकी अनà¥à¤¯ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚ हैं – गाà¤à¤§à¥€ दरà¥à¤¶à¤¨: मेरा विचार ही मेरा जीवन है;राम कथा की सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦, तà¥à¤¯à¤¾à¤— à¤à¤µà¤‚ बलिदान; à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजà¥à¤¯: उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ विकास; जल: कल, आज और कल तथा दिलà¥à¤²à¥€: बियोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€ ऑफ़ ठसिटी!
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