Ikkisvi Sadi Mei Dakshin Asia (इक्कीसवीं सदी में दक्षिण एशिया)

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ISBN9789391982171

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इक्कीसवीं सदी में दक्षिण एशिया पुस्तक में दक्षिण एशिया के महत्व पर विचार किया गया है! विश्व की कुल आबादी का २५ प्रतिशत आबादी वाला दक्षिण एशिया छेत्र हमेशा संसाधनों से परिपूर्ण रहा है! बड़ा बाजार और बड़ी आबादी के कारण दक्षिण एशिया देशों में वैश्विक ताकतों की विशेष रूचि रही है! दक्षिण एशिया ऊर्जा और रक्षा उत्पादों का एक बड़ा बाजार है! पुस्तक में दक्षिण एशिया देश की राजनीती, आर्थिक महत्व, आतंकवाद, छेत्रिय तनाव और सहयोग का विश्लेषण किया गया है! भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय सम्बन्ध, अफ़ग़ानिस्तान में अशांति का छेत्रिय प्रभाव, आर्थिक रूप से उभरते बांग्लादेश, भौगोलिक रूप से महत्वपूर्ण नेपाल और श्रीलंका में वैश्विक ताकतों की बढ़ती रूचि पर पुस्तक में विचार विमर्श है! भारत, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, नेपाल, आदि देशों की आंतरिक राजनीती पर भी विश्लेषण किया गया है!

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