Kyu Sahi They Marx

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ISBN 9789350026526
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ISBN 9789350026526

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इस किताब में मार्क्स के विचारों की आमतौर पर की जाने वाली आलोचनाओं का खंडन पेश किआ गया है. किताब बताती है की न सिर्फ ये आलोचनाएं गलत हैं बल्कि मार्क्स के विचारों की गलत या आधी अधूरी समझदारी से निकली हैं. किताब यह स्थापित करती है की मार्क्स को मनुष्य में गहरी आस्था थी और समाजवाद का मतलब उनके लिए लोकतंत्र का और गहरा होना था न की उसका निषेध, उन्होंने समाजवाद को आज़ादी, नागरिक अधिकार और भौतिक समृद्धि की महान विरासतोंका उत्तराधिकारी माना.
इंसान की अच्छी ज़िन्दगी का उनका मॉडल उसकी अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति के विचार पर आधारित था. उन्होंने जीवन के आर्थिक पहलु पर इतना जोर दिया तो इसीलिए कि वे चाहते थे कि मानवता का इसका अख्तियार काम हो.प्रकृति और पर्यावरण पर मार्क्स के ज्यादातर विचार उनके ज़माने से बहुत आगे के थे.औरतों कि आज़ादी, विश्व शांति, फांसीवाद के खिलाफ संघर्ष और उपनिवेशों कि आज़ादी कि लड़ाई का उतना पुरजोर हिमायती कोई और नहीं रहा है जितना मार्क्स कि लेखन से प्रेरित राजनीतीक आंदोलन.

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