Anacharik Vikas
₹175.00
Additional information
Author | |
---|---|
Format | |
Language | |
Pages | |
Publisher | |
Year Published | |
ISBN | 9788191081756 |
Description
उदारीकरण के साथ अरà¥à¤¥à¤¤à¤‚तà¥à¤° ‘सà¥à¤§à¤°à¤¤à¤¾’ गया है और लोकतंतà¥à¤° बिगड़ता गया है, अरà¥à¤¥à¤¤à¤‚तà¥à¤° की हालत चकाचक है. लोगों की नहीं. देहाती दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• रà¥à¤ª से फैली बदहाली के निशान चरों ओर दिख रहे हैं. à¤à¤µà¥à¤¯à¤¤à¤¾ का à¤à¥à¤°à¤®à¤œà¤¾à¤² बनाठरखना अब मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² हो रहा हैं. आरà¥à¤¥à¤¿à¤• बà¥à¤¤ की गति को इरà¥à¤§à¤¨ देने के लिठअसमानता को लगातार बà¥à¤¾à¤µà¤¾ दिया जा रहा हैं. यह विकास की à¤à¤¸à¥€ अवधारणा हैं जो कà¥à¤¦à¤°à¤¤ का à¤à¥€ शोषण और विनाश करती हैं और गरीबों का à¤à¥€ जो अपनी आजीविका का बड़ा हिसà¥à¤¸à¤¾ कà¥à¤¦à¤°à¤¤à¥€ अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से जà¥à¤Ÿà¤¾à¤¤à¥‡ हैं. वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• हताशा अब वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• जनाकà¥à¤°à¥‹à¤¶ में बदलने लगी हैं.
यह किताब बताती हैं की इस नवउदारवादी विकास पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ इतिहास में कई जगह हà¥à¤† हैं! à¤à¤¾à¤°à¤¤ में यह जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ खूंखार रूप में उà¤à¤° रहा हैं. यह इस मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पर टिका हैं कि जब तक तेज रफ़à¥à¤¤à¤¾à¤° और विशाल पैमाने पर शोषण के जरिये कà¥à¤¦à¤°à¤¤à¥€ संसाधनों का विकास नहीं होता तब तक देश न तो दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के पैमाने पर होड़ में टिक पायेगा और न ही इतनी दौलत जà¥à¤Ÿà¤¾ पायेगा कि वह यहाठकि गरीबी, अशिकà¥à¤·à¤¾, à¤à¥‚क और फटेहाली कि समसà¥à¤¯à¤¾ से निपट सके. सवाल हैं कि यह इस शोषण का बोठपरà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ और मौजूदा सामाजिक संरचना वहन कर सकेगी?
अमित बहादà¥à¤°à¥€ जाने मने अरà¥à¤¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤°à¥€ हैं, उनकी किताबें à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ और यूरोप कि कई à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ठमें अनà¥à¤¦à¤¿à¤¤ हो चà¥à¤•à¥€ हैं. वे दिलà¥à¤²à¥€ के जवाहरलाल नेहरू विशà¥à¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° à¤à¤®à¥‡à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¸ और इटली के पोविया विशà¥à¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में अंतराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤Ÿà¤¾à¤° पर चà¥à¤¨à¥‡ गठ‘पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° ऑफ कà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤° फेम’ हैं.
Reviews
There are no reviews yet.