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Kisan Andolan: Badlav ki Rajniti ka Ubharta Chehra
₹350.00
Additional information
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ISBN | 9789350027813 |
Description
खेती किसानी को कॉरपोरेट कारोबारियों की मुनाफाखोरी के हवाले करने के लिए तुरत फुरत अंदाज में बनाए गए तीन कानूनों को वापस लेने के लिए करीबन साल भर चला आंदोलन किसान आंदोलनों के लंबे इतिहास के सबसे गौरवशाली अध्यायों में शुमार किया जाएगा. खास तौर पर इसलिए कि सत्ता के नशे में मदहोश मगरूर भाजपा सरकार को इसने उन तीन कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया. और यह ऐसे वक्त हुआ जब विपक्षी पार्टियां बेअसर हो चुकी थीं और उनके और भाजपाई एजेंडे में कोई खास फर्क नहीं रह गया था.
इस आंदोलन का करीबी से अध्ययन करने वाले विद्वानों में जाने माने अर्थशास्त्री अमित भादुड़ी भी थे. आंदोलन के दौरान उन्होंने कुल नौ लेख लिखे. इसमें उन्होंने आंदोलन के राजनीतिक आर्थिक संदर्भ, आंदोलन की खासियतों और पहलकदमियों की चर्चा की. किसान आंदोलन फिलवक्त स्थगित हो गया है. लेकिन ये लेख उपयोगी बने रहेंगे.
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